उत्तराखंड को वेडिंग डेस्टिनेशन और बारहमासी पर्यटन केंद्र बनाने की दिशा में बड़ा कदम
देहरादून: उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति और बारहमासी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद द्वारा “कंटेंट क्रिएटर्स प्रतियोगिता 2025” का आयोजन किया गया। यह प्रतियोगिता 23 मार्च 2025 से 23 मई 2025 तक आयोजित की गई थी, जिसमें देशभर के डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
प्रधानमंत्री के आह्वान से प्रेरित होकर शुरू हुई प्रतियोगिता
इस प्रतियोगिता की प्रेरणा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के उस आह्वान से मिली, जिसमें उन्होंने 6 मार्च 2025 को उत्तराखंड में शीतकालीन प्रवास के दौरान कंटेंट क्रिएशन के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कही थी। इसके बाद मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रतियोगिता की रूपरेखा तैयार की गई।
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उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री बंशीधर तिवारी ने बताया कि प्रतियोगिता में कुल 110 प्रविष्टियाँ प्राप्त हुई हैं। इनमें से 56 रील्स कैटेगरी और 54 शॉर्ट फिल्म कैटेगरी में हैं। प्रतियोगिता में भाग लेने वालों ने उत्तराखंड की संस्कृति, पर्यटन और परंपरा को आकर्षक अंदाज़ में प्रस्तुत किया।
विजेताओं के चयन के लिए गठित की गई निर्णायक समिति
प्रतियोगिता में प्राप्त प्रविष्टियों की जांच और विजेताओं के चयन हेतु मुख्य कार्यकारी अधिकारी/महानिदेशक सूचना की अध्यक्षता में निर्णायक मंडल समिति का गठन किया गया है। इस समिति में एफ.टी.आई.आई. (FTII) और पर्यटन विभाग के विषय विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। समिति की बैठक 26 जून 2025 को आयोजित होगी, जिसमें विजेताओं की घोषणा की जाएगी।
आठ श्रेणियों में मांगे गए थे आवेदन, हर कैटेगरी में ₹5 लाख के दो पुरस्कार
इस प्रतियोगिता में कंटेंट क्रिएटर्स से 1 मिनट की रील्स और 5 मिनट तक की शॉर्ट फिल्मों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। प्रतियोगिता की 8 श्रेणियाँ इस प्रकार थीं:
- उत्तराखण्डी पारंपरिक खानपान
- उत्तराखण्ड होमस्टे
- उत्तराखण्ड में बारहमासी पर्यटन
- अपेक्षाकृत कम प्रसिद्ध पौराणिक मंदिर एवं तीर्थाटन
- आयुष एवं वेलनेस
- अनछुए मनोरम पर्यटन स्थल
- साहसिक पर्यटन स्थल (कम प्रसिद्ध)
- उत्तराखण्ड वैडिंग डेस्टिनेशन
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इन सभी श्रेणियों में ₹5 लाख रुपए के दो-दो पुरस्कार निर्धारित किए गए हैं। उत्तराखंड सरकार का यह प्रयास न केवल राज्य की संस्कृति, पर्यटन और परंपराओं को नया आयाम देगा, बल्कि राज्य को डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर एक मजबूत पहचान भी दिलाएगा। साथ ही, इससे स्थानीय रोजगार और पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।